This marathi poem based on sunset sun, to readers, it brings a new hope, inspiration and another fresh beginning next day. Therefore, vaporize the darkness of despair and brings brightness in every life.
सूर्यास्त सूर्य काय म्हणे ? (What is Sunset Sun?) | Marathi poem
सूर्यास्त सूर्य म्हणे... मी परत येईन! लख: प्रकाश पसरवेन. जीवित ठेवा ... आपल्या स्वप्ने, आकांक्षा मग ही माती चमकेल... शेतात पुन्हा हिरवळ लहरेल.... मग या तरंगांवर किरणे... सोने पिकवतील तुम्ही फक्त मार्गस्थ रहा... मी फक्त लपतोय काहीच क्षणांसाठी तुम्ही दु: खी होऊ नका अंध:काराचे पण अस्तित्व असते... त्याची देखील सीमा असते.. मी पुन्हा नवतेज पसरवेन मी परत येईन.... या सृष्टिस आनंद-सौख्य देईन...
हिंदी विश्लेषण
सूर्यास्त सूरज क्या कहता है, सूर्यास्त सूरज यह कहता है, मै फिर लौटूंगा और उजाला लाऊंगा। बस अपनी आशाओं को जीवित रखो।फिर यह मिट्टी चमकेंगी। खेतों में फिर से हरियाली लहरेगी। लहरों पर किरणें फैलाकर सोना उगलेंगी। तुम सिर्फ-सिर्फ़ आगे बढ़ते जाना। मै तो बस छिप रहा हूँ; कुछ क्षणों के लिए लेकिन तुम उदास मत होना। क्योंकि, अंध:कार का भी एक समय होता है, उसका का भी अस्तित्व होता है। मै फिर आऊँगा, उजाला लाकर इस सृष्टि को सुख पहुँचाने।
Life advice of Sunset Sun
Keeping your hopes and aspirations alive-
This sun (sunset) is an inspiration to us, which inspires us to find new hope and aspiration every day. Everyday wakes us up and gives new hope, shows a ray of light, removing the thick darkness of despair. We just have to achieve it with our own effort. The darkness of despair will dissipate, again the light will bloom, will light up your life.
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